FB 2821 - बाबूजी की कुछ पंक्तियाँ : "लौह का वह ठोस बन कर है निकलता जो कि लोहे से लड़ा है । गर्म लोहा पीट , ठंडा पीटने को वक्त बहुतेरा पड़ा है " ~ हरिवंश राय बच्चन Aug 08, 2020 9087