
FB 2288 -
पैरों पे मोज़े ,
बचपन के घेरे
सब को लुभाते ,
बहुतों को न मिलते ।
पैरों पे जिसने पादुका न देखे
मोज़े की सुंदरता कैसे वो देखे ।
भेंट में मिले मुझे
ये रंगों से सहजे
इन मोज़ों को पहनूँगा ,
कुछ उन्हें भेंट देके
जिन्हें कभी अवसर न मिला ,
जो थे नंगे पाँव रहके
~ ab
FB 2288 - पैरों पे मोज़े , बचपन के घेरे सब को लुभाते , बहुतों को न मिलते । पैरों पे जिसने पादुका न देखे मोज़े की सुंदरता कैसे वो देखे । भेंट में मिले मुझे ये रंगों से सहजे इन मोज़ों को पहनूँगा , कुछ उन्हें भेंट देके जिन्हें कभी अवसर न मिला , जो थे नंगे पाँव रहके ~ ab
Feb 13, 2019