FB 2173 -
दूसरों के गलियारे में झाँक के देखते हो
उनकी काल्पनिक कमियों पे नुक़्स निकालते हो
ये जो चादर ओढ़ के रक्खी है ,
तुमने
अपने गिरेबाँ में अपनी ही कमज़ोरियों को छुपा के रखते हो ?
कौन होते हो तुम हमारी इज़्ज़त पे
अपनी बदनुमा आँच डालने वालों
अपनी जलती आग को , हमसे बुझाने वालो
ज्वाला तुम्हारे घर यदि ना बुझ पाए तो
याद करना हमें ,
फूँक कर सवाँर देंगे तुम्हारी इज़्ज़त के पयमाने को
An enigmatic superstar | The Shahenshah of Bollywood